Jigra Film Advance New Booking: फिल्म के रिलीज होते ही लाखों लोगों ने किया तत्काल टिकट देखिए इंडियन लड़का का Seen क्या है

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Jigra Film Advance Booking: फिल्म के रिलीज होते ही लाखों लोगों ने किया तत्काल टिकट देखिए इंडियन लड़का का Seen क्या है

Jigra Film : इस शुक्रवार को आलिया भट्ट की एक महत्वपूर्ण फिल्म रिलीज हो सकती है, जिसमें वह हीरोइन के रूप में नजर आएंगी। करण जौहर ने इस फिल्म का बजट लगभग 90 करोड़ बताया है, जो एक बड़ा निवेश है।

करण की मास्टर स्ट्रोक यह है कि वह न केवल फिल्मों को लेकर अच्छी योजना बनाते हैं, बल्कि मार्केटिंग और पब्लिसिटी में भी माहिर हैं, जिससे फिल्म की सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

करण जौहर का बिजनेस दृष्टिकोण वाकई कमाल का है। फिल्म के 90 करोड़ के बजट में से 80 करोड़ इसके निर्माण में लगे, और बाकी 10 करोड़ प्रमोशन पर खर्च हुए। लेकिन खास बात यह है कि उन्होंने फिल्म रिलीज होने से पहले ही 90 करोड़ की डील कर ली, जिससे प्रॉफिट और लॉस की चिंता खत्म हो गई। अब थिएटर में जो भी कमाई होगी, वह सीधा उनके फायदे में जाएगी।

अब सवाल यह है कि क्या आपको इस फिल्म के लिए थिएटर भागकर जाना चाहिए या फिर घर पर ओटीटी प्लेटफॉर्म का ऑप्शन चुनना चाहिए। यह इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का फिल्म अनुभव चाहते हैं। अगर आप बड़े पर्दे पर बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी, शानदार साउंड और थिएटर का अनुभव पसंद करते हैं, तो थिएटर जाने का मजा अलग है। वहीं, अगर आप आराम से घर पर बैठकर फिल्म देखना चाहते हैं, तो ओटीटी का विकल्प बेहतर है।

Jigra Film Advance Booking: खुशखबरी यह है कि फिल्म की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। इस जानकारी को खुद आलिया भट्ट ने अपने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिससे उनके फैंस में और उत्साह बढ़ गया है। ‘जिगरा’ में आलिया के दमदार प्रदर्शन और दिलचस्प कहानी को लेकर दर्शक खासे उत्साहित हैं।

आपने जिस इलेक्ट्रिक कुर्सी (electric chair) की बात की है, वह एक बेहद खतरनाक और विवादास्पद मौत का तरीका है, जिसे कई देशों में अपराधियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल किया गया। यह प्रक्रिया इलेक्ट्रिक शॉक देकर तेजी से मौत लाने के लिए डिजाइन की गई है। इसे पहली बार 1890 में अमेरिका में इस्तेमाल किया गया था।

यह कुर्सी कुछ ही सेकंड में इंसान की जान ले लेती है, क्योंकि शरीर में भेजी गई हाई-वोल्टेज इलेक्ट्रिक करंट शरीर के महत्वपूर्ण अंगों, विशेष रूप से दिल और दिमाग को बंद कर देती है। इसे कुछ लोग कम दर्दनाक मानते हैं, क्योंकि यह तेजी से असर करता है, लेकिन यह विषय काफी विवादित है। कई लोगों का मानना है कि यह तरीका अमानवीय और अनैतिक है।

आपने जो कहानी का जिक्र किया है, वह एक दिलचस्प और थ्रिल से भरी फिल्म या थिएटर प्लॉट की तरह लगती है। इसमें एक भारतीय लड़के को किसी अजीब से देश की जेल में बंद दिखाया गया है, जहाँ वह तीन महीने से अपनी जिंदगी बिता रहा है। कहानी में सस्पेंस इस बात का है कि वह लड़का क्यों जेल में है और क्यों उसे इलेक्ट्रिक कुर्सी पर बैठने का खतरा है।

लेकिन असली ट्विस्ट तब आता है जब उसकी बहन, जिसके हाथ में राखी बंधी होती है, उसे छुड़ाने के लिए जेल तोड़ने का इरादा करती है। यह राखी न केवल भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, बल्कि उसकी बहन की हिम्मत और भाई के लिए उसके प्यार का भी प्रतीक है।

इसके पीछे की कहानी में ड्रैगन और रियल लाइफ मिथोलॉजी का भी कनेक्शन बताया गया है, जो इस प्लॉट को और भी रोमांचक और फैंटेसी से भरा बनाता है। यह शायद एक हाई-फैंटेसी और एक्शन से भरपूर फिल्म या नाटक हो सकता है, जिसमें कल्पना और वास्तविकता का मेल दिखाया गया हो, और भाई-बहन के प्यार की ताकत को दर्शाया गया हो।

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